उज्जैन.देवास रोड स्थित दताना-मताना हवाई पट्टी का डेवलपमेंट किया जाना है। इसके लिए 43 करोड़ का प्रस्ताव बनाया जाकर शासन को भेजा जा चुका है। यह प्रस्ताव नागरिक उड्डयन के पत्र के बाद पीडब्ल्यूडी ने बनाया था लेकिन काम शुरू नहीं हो सका, क्योंकि यश एयरवेज से जिला प्रशासन कब्जा ही नहीं ले सका।
हवाई पट्टी पर बड़े हवाई जहाज उतर सके, इसी उद्देश्य से यहां कार्य किए जाना है। जिसमें 33 करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण के लिए और 10 करोड़ रुपए से डेवलपमेंट कार्य किए जाना है। जिसमें हवाई पट्टी की लंबाई 2000 मीटर व चौड़ाई 22 मीटर की जाना है। वर्तमान में यहां की लंबाई 1070 मीटर है। यहां पर एयरपोर्ट जैसा छोटा स्ट्रक्चर भी तैयार किया जाना है।
3.78 लाख का नया ठेका, बनेगा पहुंच मार्ग
पीडब्ल्यूडी ने हवाई पट्टी के पहुंच मार्ग के निर्माण का टेंडर जारी किया है। जिसमें आधा किलोमीटर में सड़क का निर्माण किया जाना है। यह कार्य 3.78 लाख रुपए से होगा। टेंडर 10 दिसंबर को खोला जाएगा। ठेका एजेंसी तय की जाकर अनुबंध किया जाएगा। उसके बाद दताना-मताना हवाई पट्टी पर कार्य शुरू किया जाएगा।
रखरखाव की फाइल जिला प्रशासन ने तलब की
हवाई पट्टी के रख-रखाव व किए गए कार्यों की फाइल को जिला प्रशासन ने तलब किया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी वर्ष 2006 से लेकर अब तक के दस्तावेज लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
मंजूरी नहीं होने से बाउंड्रीवॉल का काम नहीं हो पाया
- हवाई पट्टी के पीछे की ओर खुला क्षेत्र है। यहां पर बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। शासन से मंजूरी नहीं होने से कार्य नहीं हो पाया है।
- हवाई पट्टी की लंबाई व चौड़ाई बढ़ाई जाना है। इसका प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी ने बनाकर शासन को भेजा है।
- नाइट लैंडिंग के कार्यों का टेंडर लगाया गया था लेकिन कोई निर्माण एजेंसी ने टेंडर नहीं डाला।
मेंटेनेंस व सड़क डामरीकरण का प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में
तत्कालीन पीडब्ल्यूडी ईई जीपी पटेल ने मई 2019 में हवाई पट्टी को खाली करवाया था। यश एयरवेज से कब्जा लिया गया था। उसके बाद यहां पर मेंटेनेंस व सड़क के डामरीकरण का प्रस्ताव बनाया गया जो कि अभी प्रक्रिया में है।
एयर स्ट्रीप के लिए 253.19 लाख रुपए का ठेका किया
हवाई पट्टी पर इम्प्रुमेंट ऑफ दताना एयर स्ट्रीप के लिए 23 जनवरी 2014 में 253.19 लाख का ठेका किया गया। इसके अलावा आंतरिक सड़क का डामरीकरण व पट्टे डालने का कार्य व लाइटिंग कार्य।
उड्डयन विभाग की राशि मिलने पर कार्य करते हैं
पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन ईई जीपी पटेल ने बताया मई 2019 में हवाई पट्टी को खाली करवाया गया था। उसके बाद यहां का कब्जा लिया गया। यह हवाई पट्टी राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन है। जो यहां कार्य करने के लिए राशि जारी करती है। पीडब्ल्यूडी केवल निर्माण एजेंसी है। विभाग उड्डयन विभाग की राशि मिलने पर कार्य करता है।
तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा में हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग शामिल होने से इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा था। मंजूरी के बाद टेंडर लगाए थे लेकिन कोई निर्माण एजेंसी नहीं आई। उसके बाद यह कार्य रुक गया। हवाई पट्टी को सात साल के लिए वर्ष 2006 में यश एयरवेज को लीज पर दी गई थी। प्रशिक्षण के दौरान दो प्रशिक्षु पायलेट की हादसे में मौत के बाद यश एयरवेज की लीज व लाइसेंस निरस्त किया तो वर्ष 2013 में संचालन सेंटर एविएशन कंपनी द्वारा किया जाने लगा। मेंटेनेंस के नाम पर पीडब्ल्यूडी ने 2.86 करोड़ खर्च किए। जिसमें यहां पर हवाई पट्टी का संधारण व डामरीकरण के कार्य करवाए। मई-2019 में उक्त कंपनी से हवाई पट्टी को खाली करवाकर पीडब्ल्यूडी ने कब्जा लिया।